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पंचायत चुनाव से पहले हिमाचल में 550 नई पंचायतों के गठन के प्रस्ताव।
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नई पंचायतें बनाने से सरकार पर 25-30 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक खर्च।
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निर्वाचन विभाग ने सरकार को नई पंचायतें जल्द बनाने की सलाह दी।
Himachal Panchayat Formation 2024: हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में प्रस्तावित पंचायत चुनाव से पहले नई पंचायतों के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग को अब तक 550 नई पंचायतों के गठन के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन्हें इसी महीने राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इन प्रस्तावों पर चर्चा के लिए राज्य कैबिनेट जल्द ही मापदंड तय करेगी।
नई पंचायतों का गठन अप्रैल तक पूरा करने की योजना है। इसके लिए पंचायती राज एक्ट के अनुसार नई पंचायत के लिए न्यूनतम 1,000 की आबादी अनिवार्य है। हालांकि, सरकार अपने स्तर पर भी अतिरिक्त मापदंड तय कर सकती है।
2020 में बनी पंचायतों की स्थिति: प्रदेश में वर्तमान में 3,615 पंचायतें हैं। 2020 में पूर्व भाजपा सरकार के दौरान बनाई गई 412 पंचायतों में से कई अब भी पर्याप्त स्टाफ और कार्यालय सुविधाओं से वंचित हैं। इन पंचायतों का संचालन किराए के कमरों में हो रहा है।
नई पंचायतों से आर्थिक दबाव: एक नई पंचायत के गठन पर सरकार को सालाना 25 से 30 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है। इसमें 17 लाख रुपये गैर-आवर्ती खर्च (जैसे भवन निर्माण, फर्नीचर, कंप्यूटर) और 10 से 12 लाख रुपये स्टाफ इत्यादि पर खर्च होते हैं। सरकार पहले ही 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में है, जिससे नई पंचायतों के गठन का फैसला चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
निर्वाचन विभाग की तैयारी: राज्य निर्वाचन विभाग ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को देखते हुए नई पंचायतों का गठन जल्द करने का आग्रह किया है। नई पंचायतें बनने के बाद ही वोटर लिस्ट, आरक्षण रोस्टर और पोलिंग बूथ के काम पूरे किए जा सकेंगे। पिछली सरकार के समय नई पंचायतों के गठन में देरी के कारण चुनाव फरवरी में संपन्न हुए थे।
नगर पंचायत और नगर परिषद चुनाव: पंचायत चुनावों के साथ-साथ प्रदेश की 27 नगर परिषद और 39 नगर पंचायतों में भी चुनाव करवाए जाएंगे। इनमें वार्ड मेंबर और पार्षदों के चुनाव होंगे, जबकि पंचायतों में प्रधान, उप प्रधान, वार्ड मेंबर, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य का चयन होगा।